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प्रार्थना का महत्व : ये 10 कारण आपको नित्य प्रार्थना करने में मदद करंगे (importance of prayer)

प्रार्थना का महत्व : ये 10 कारण आपको नित्य प्रार्थना करने में मदद करंगे (the importance of prayer)

The importance of prayer ; हर मसीही के लिए प्रार्थना बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. क्योंकि प्रार्थना के जरिये ही हम परमेश्वर से बात कर सकते हैं. पर कई लोग प्रार्थना के महत्व को अक्सर नजरअंदाज कर देते है. हममें से अधिकांश लोग बस संकट के समय में ही या आशिर्वादित होने के लिए या जब मदद की जरुरत हो तब ही प्रार्थना करते है. और अधिकांश मसीही तो व्यस्त जीवन के कारण, प्रार्थना को इतना महत्व भी नहीं देते.

तो प्रियों आज के इस लेख के द्वारा हम प्रार्थना क्यों महत्वपूर्ण है? और वास्तव में प्रार्थना क्या है? इन सवालों पर चर्चा करेंगे. इस लेख के माध्यम से हम प्रार्थना की परिभाषा और उन 10 कारणों पर गौर करेंगे कि, हमारे लिए प्रार्थना कितनी महत्वपूर्ण हैं.

प्रार्थना क्या है?(What is Prayer)

प्रार्थना ईसाई धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह परमेश्वर के साथ संवाद करने और अपने विचारों और भावनाओं को उसके सामने व्यक्त करने का एक तरीका है. प्रार्थना परमेश्वर से मार्गदर्शन, शक्ति और आराम पाने का एक तरीका है. यह परमेश्वर द्वारा हमें दिए गए सभी आशीर्वादों के लिए उसे धन्यवाद देने का भी एक तरीका है. प्रार्थना का उपयोग परमेश्वर के सामने अपनी खुशियाँ और दुःख व्यक्त करने और अपनी चिंताओं को उसके पास लाने के लिए किया जा सकता है. इसीलिए प्रार्थना संचार का सबसे अंतरंग रूप है जो हमें व्यक्तिगत स्तर पर सीधे परमेश्वर से जोड़ती है.

परमेश्वर से प्रार्थना करना बहुत ही सरल है. आपको बस सच्चे मन से उससे बात करनी है. यदि हम परमेश्वर का नाम पुकारते हैं और प्रार्थना में उनके पास आते हैं, तो परमेश्वर हमारी बात सुनते हैं. यिर्मयाह 29:12 में लिखा है, “तब उस समय तुम मुझ को पुकारोगे और आकर मुझ से प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी सुनूंगा.” इसलिए हमें प्रार्थना के महत्व को समझने की आवश्यकता है.

प्रार्थना को लेकर हडसन टेलर(चीन में येशु मसीह का सुसमाचार पहुँचाने वाले और the China Inland Mission के संस्थापक) का एक वाक्य साझा कर रहे है, जो प्रार्थना के वास्तविक महत्व को बौखुबी दर्शाता है, वे कहते है, “जब आप काम करते हैं, तो आप काम करते हैं. लेकिन जब आप प्रार्थना करते हैं, तो परमेश्वर काम करता है.”

प्रार्थना का महत्व (Importance of Prayer)

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तो आप प्रार्थना क्या है यह जान गये है. अब जानेंगे कि, प्रार्थना का क्या महत्व हैं. निचे 10 कारण दिए गए है.

1). प्रार्थना हमें परमेश्वर के करीब आने में मदद करती है

प्रार्थना के महत्व के सबसे बड़े कारण की बात करे तो वह यह होगा कि, प्रार्थना हमें परमेश्वर के करीब आने में मदद करती हैं. जब हम प्रार्थना करते हैं, तब हम अपने जीवन में परमेश्वर का स्वागत करते हैं. जितना अधिक आप प्रार्थना के माध्यम से परमेश्वर से बात करने और सुनने में समय बिताते हैं, उतना ही अधिक हम उसके करीब आते हैं और उसके बारे में अधिक जानते हैं. और इस प्रकार, खुद परमेश्वर भी स्वाभाविक रूप से हमारे करीब आते हैं.

यदि ईश्वर हमारे करीब है तो हमें डरने की क्या जरूरत है? हमें और क्या हासिल करना है? कुछ नहीं! पॉल की तरह, हम निडर और साहसपूर्वक जी सकते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा शक्तिशाली परमेश्वर हमारे लिए और हमारे साथ है.

भजन 145:18 में लिखा है,

“जितने यहोवा को पुकारते हैं, अर्थात जितने उसको सच्चाई से पुकारते हें; उन सभों के वह निकट रहता है. वह अपने डरवैयों की इच्छा पूरी करता है, ओर उनकी दोहाई सुन कर उनका उद्धार करता है.”

2. प्रार्थना हमें परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप जीवन जीने में मदद करती है

जब हम नित्य प्रार्थना करते हैं, तो हम परमेश्वर के इच्छा के अनुरूप जीवन जीने लग जाते हैं. यानी प्रार्थना हमें परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप जीवन जीने में मदद करती हैं. हम प्रार्थना के माध्यम से ही उससे कहते है कि, हमारा नेतृत्व करे और हमारे जीवन की यात्रा में आपकी सहायता करे. प्रार्थना हमें ये एहसास दिलाती है कि, परमेश्वर ने जो योजना हमारे लिए बनाई है वह जरुर पूरी करेगा.

यही नहीं, प्रार्थना के माध्यम से, हम अपने जीवन के लिए परमेश्वर की इच्छा को समझने में सक्षम होते हैं. जैसे ही हम परमेश्वर से बात करने और उनका मार्गदर्शन सुनने में समय बिताते हैं, वह हमारे जीवन के लिए अपनी योजनाओं को प्रकट करना शुरू कर देता हैं. और जैसे ही हम अपनी योजनाएं उसे सौंप देते हैं, वह उन तरीकों से काम करना शुरू कर देता है, जिनकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की होती, क्योंकि उसकी योजनाएं और तरीके आपसे ऊंचे हैं, यही प्रार्थना का महत्व है.

फिलिप्पियों 4:19 और मेरा परमेश्वर मसीह यीशु में अपने महिमा के धन के अनुसार तुम्हारी सब घटियां पूरी करेगा।

फिलिप्पियों 4-19

3. प्रार्थना हमें एहसास कराती है कि आपका जीवन आपके बारे में नहीं है

प्रार्थना न केवल हमें ईश्वर की इच्छा के अनुरूप होने में मदद करती है, बल्कि यह हमें वास्तविकता से परिचित होने में भी मदद करती है. यानी हम जो जीवन जी रहे है, वह जीवन वास्तव में हमारे बारे में है ही नहीं. यह हमेशा से परमेश्वर के बारे में रहा है और पृथ्वी पर उनकी इच्छा को पूरा करता है जैसा कि स्वर्ग में होता है. प्रार्थना हमें यह स्वीकार करने में मदद करती है कि, परमेश्वर ब्रह्मांड का केंद्र है और नियंत्रण में है.

यूहन्ना 17:15 मेरी प्रार्थना यह नहीं है, कि तू उन्हें जगत से उठा ले, परन्तु यह कि तू उन्हें उस दुष्ट से बचाए।

4. प्रार्थना हमें उत्तर प्रदान करती है

प्रार्थना में अपनी आवश्यकताओं को ईश्वर के पास ले जाएं. फिर देखें कि वह किस प्रकार आपकी प्रार्थनाओं का उत्तर देता है और उन जरूरतों को पूरा करता है. आप भरोसा करना सीखेंगे कि ईश्वर विश्वसनीय है और आप उस पर भरोसा कर सकते हैं, चाहे कुछ भी हो. प्रार्थना करने और परमेश्वर द्वारा दिए गए उत्तरों को सुनने से आपको जीवन में अपने उद्देश्य को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है. ईश्वर आपको यह समझने में मदद करेगा कि आप यहां क्यों हैं और इस जीवन के बाद उसके साथ रहने के लिए आप क्या कर सकते है.

5. प्रार्थना हमें आशा देती है

प्रार्थना आपको आशा दिलाती है कि जब हालात कठिन हों तो आप अकेले नहीं हैं, परमेश्वर हमेशा आपके साथ हैं. जब आप प्रार्थना करते हैं, तो आपके मन में यह आशा उत्पन्न होती है कि, जिस भी स्थिति का आप सामना कर रहे हैं, वह नियंत्रण में है और उसमें वह आपकी मदद जरुर करेगा. यही आशा आपको जीवन में आने वाली हर चुनौती से निपटने में मदद कर सकती.

भजन संहिता 73:26 में लिखा है, “मेरा शरीर और मेरा हृदय दोनों क्षीण हो सकते हैं, परन्तु परमेश्वर मेरे हृदय का बल और सर्वदा मेरा भाग है.”

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6. प्रार्थना करने से हमें बुद्धि और मार्गदर्शन मिलता है

कभी-कभी आप परमेश्वर की बुद्धि और मार्गदर्शन पाने के लिए प्रार्थना करते हैं, विशेषकर ऐसे समय में जब हमें कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने की आवश्यकता होती है. जब परिस्थितियाँ कठिन हो जाती हैं और हम नहीं जानते कि क्या करना है, तो यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आप हमेशा परमेश्वर से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं. प्रार्थना हमारी सहायता के लिए परमेश्वर का स्वागत करने का सर्वोत्तम तरीका है. जब हम बुद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं, तो हम परमेश्वर से यह समझने में मदद करने के लिए कहते हैं कि हमें एक निश्चित स्थिति में क्या करना चाहिए. और जब हम मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करते हैं , तो हम परमेश्वर से वह रास्ता दिखाने के लिए कह रहे हैं जो हमें लेना चाहिए.

याकूब 1:5 में लिखा है, “यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना दोष निकाले सब को उदारता से देता है, और वह तुम्हें दी जाएगी.”

7. प्रार्थना पवित्र आत्मा को आपके जीवन में आमंत्रित करती है

जब आप प्रतिदिन प्रार्थना करते हैं, तो आप पवित्र आत्मा को अपने साथ रहने और आपको सांत्वना और मार्गदर्शन देने के लिए आमंत्रित करते हैं. पवित्र आत्मा आपको उत्तर दे सकता है, आपको परमेश्वर के प्रेम को महसूस करने में मदद कर सकता है, और आपके दिल में शांति और खुशी की भावना ला सकता है.

8. प्रार्थना हमारा विश्वास बढाती है

प्रार्थना का एक और महत्व यह है कि यह हमारे विश्वास को क्रियान्वित करती है. हम यह जानते हैं कि परमेश्वर वास्तव में है. और हम उस पर विश्वास करते है. भले ही हमें अभी तक उत्तर नहीं मिले हैं, हम पहले से ही विश्वास कर रहे हैं कि यह हो चुका है क्योंकि भगवान ने पहले ही इसका उत्तर दे दिया है. जब हम ईश्वर से बात करने के लिए समय निकालते हैं, तो इससे हमें अपनी परिस्थितियों के बजाय उस पर और उसके वादों पर ध्यान केंद्रित रखने में मदद मिलती है.

1 कुरिन्थियों 2:5 ताकि तुम्हारा विश्वास मनुष्य की बुद्धि पर नहीं, परन्तु परमेश्वर की शक्ति पर टिका रहे.

परमेश्वर से क्षमा मांगना

जब हम पाप के कारण अपराध-बोध से ग्रस्त होते हैं, तो प्रार्थना सबसे शक्तिशाली उपकरण है जिसका उपयोग हम प्रभु से क्षमा मांगने के लिए कर सकते हैं जब हम पश्चाताप में उनके पास आते हैं. प्रार्थना हमें अपना हृदय ईश्वर के सामने रखने, अपने पापों को स्वीकार करने और उनसे क्षमा माँगने की अनुमति देती है। जब हम अपनी प्रार्थना में सच्चे होते हैं, तो वह हमें क्षमा करने और हमें सभी अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य होता है.

9. प्रार्थना परमेश्वर के चमत्कारों का अनुभव कराती है

संपूर्ण धर्मग्रंथों में, हम प्रार्थना के उत्तर के रूप में प्रभु द्वारा चमत्कार करने के कई उदाहरण देखते हैं. पुराने नियम के समय में, भविष्यवक्ता दानिएल को शेरों की माँद में फेंक दिया गया था क्योंकि उसने प्रार्थना करना बंद करने से इनकार कर दिया था. जब उसने सिंहों की मांद में परमेश्वर से प्रार्थना की, तो स्वर्गदूतों ने प्रकट होकर सिंहों का मुंह बंद कर दिया. ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जिन्होंने प्रार्थना के परिणामस्वरूप अद्भुत चमत्कारों का अनुभव किया है. चाहे वह किसी गंभीर बीमारी से उबरना हो, लत पर काबू पाना हो, या बेरोजगार होने पर नौकरी ढूंढना हो, यदि आप अनुमति दें तो भगवान आपके जीवन में चमत्कार कर सकते हैं. यही प्रार्थना का महत्व है.

तो आशा करते है आपको, प्रार्थना का महत्व(importance of prayer) यह लेख जरुर पसंद आया होगा. और यह लेख आपको हररोज नित्य परमेश्वर के साथ सवांद साधने के लिए प्रेरित करेगा. आमेन.


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