bible study बाइबल अध्ययन

Names of satan : शैतान के 10 अलग-अलग नाम और उनका मतलब

Names of Satan

Do You Know Names of satan : बाइबिल के अनुसार, जो लोग परमेश्वर और उसके मार्ग का अनुसरण करने का प्रयास करते हैं उनका एक शत्रु हैं, जिसका नाम है शैतान. शैतान नाम का अर्थ हैं, “विरोधी.” बता दे कि, शैतान एक आध्यात्मिक शत्रु है और वह परमेश्वर के साथ साथ उसके(परमेश्वर) मार्ग पर चलने वाले हरेक का विरोध करता हैं. शैतान का लक्ष्य परमेश्वर की योजनाओं को बाधित करना, उसके कार्य को नष्ट करना और अंततः, परमेश्वर का स्थान लेना है. तो हर मसीही को शैतान के बारे में जानना जरुरी हैं.

बाइबिल में शैतान को कई नामों से संबोधित किया गया हैं, जिसमें से प्रत्येक नाम उनके लक्ष्य, उद्देश्यों और चरित्र के बारे में कुछ न कुछ प्रकट करते है. तो इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि, बाइबिल में शैतान को किन किन नामों से उल्लेखित किया गया हैं.

वैसे शैतान के बारे में जानने के लिए उसका “शैतान” ये एक ही नाम काफी है. शैतान शब्द सुनते ही उनके अनेकों रूप, कार्य और गुण मन में आ जाते हैं. फिर भी उनके अन्य नामों-उपाधियों को जानना भी जरुरी हैं, क्योंकि उन नामों-उपाधियों को जानने से/समझने से विश्वासियों को दुश्मन के कार्यों को पहचानने में मदद मिलती है. साथ ही उन्हें अनंत जीवन पाने की दौड़ अच्छी तरह से खत्म करने के लिए परमेश्वर के पूर्ण कवच को याद रखने में मदद मिल सकती है.

शैतान के बारे में बाइबल क्या कहती है?

पहले जान लेते हैं की शैतान के बारे में बाइबल क्या कहती है? पुराने नियम में, शैतान के लिए कई संकेत दिए गए हैं, और यहां तक कि उसकी उत्पत्ति का वर्णन भी मिलता है, परंतु नया नियम शैतान के अस्तित्व के बारे में बहुत कुछ स्पष्ट करता है. अन्य स्वर्गदूतों के साथ बनाया गया, लूसिफ़ेर स्वर्ग में सर्वोच्च स्थानों पर विराजने वाले स्वर्गदूतों में से एक था. परंतु कुछ बातों को लेकर, वह घमंडी हो गया, और खुद को परमेश्वर के खिलाफ खड़ा कर लिया. और अपने इस परमेश्वर विरोधी कार्य में उसने एक तिहाई स्वर्गदूतों को भी अपने पक्ष में लेकर सृष्टिकर्ता का स्थान लेने की कोशिश की. यशायाह भविष्यद्वक्ता लिखते हैं,

“तू मन में कहता तो था, ‘मैं स्वर्ग पर चढ़ूँगा; मैं अपने सिंहासन को ईश्‍वर के तारागण से अधिक ऊँचा करूँगा; और उत्तर दिशा की छोर पर सभा के पर्वत पर विराजूँगा. मैं मेघों से भी ऊंचे ऊंचे स्थानों के ऊपर चढूंगा, मैं परमप्रधान के तुल्य हो जाऊंगा.” (यशायाह 14:13-14)

शैतान के इस कार्य के लिए उन्हें सज़ा के रूप में उसके अनुचरों के साथ स्वर्ग से बाहर निकाल दिया गया, और उनके लिए अनंत काल बिताने के लिए नर्क बनाया गया. स्वर्ग से बाहर निकाले जाने के बाद उसने आदम और हव्वा को परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह करने के लिए बहकाया, और ऐसा करके मानवता को पाप में धकेल दिया, दुनिया में मृत्यु ला दी, और अस्थायी रूप से इस पर नियंत्रण करने में सक्षम हो गया. अंततः, यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान ने शैतान को हरा दिया. अब अंत के दिनों में उसे गंधक की झील में यानी नरक में फेक दिया जाएगा, जैसे कि प्रकाशितवाक्य में बताया गया हैं.

“और उन का भरमाने वाला शैतान आग और गन्धक की उस झील में, जिस में वह पशु और झूठा भविष्यद्वक्ता भी होगा, डाल दिया जाएगा, और वे रात दिन युगानुयुग पीड़ा में तड़पते रहेंगे” (प्रकाशितवाक्य 20:10)

वह बुराई और पाप का स्रोत है, और, जैसा कि अय्यूब की पुस्तक में देखा गया है, अविश्वासियों को पश्चाताप की स्थिति में रखना चाहता है ताकि उन्हें छुटकारा न मिले, या आस्तिक का जीवन कठिन बना दिया जाए।

हर मसीही को ये जानना क्यों महत्वपूर्ण है?

इफिसियों 6:11-13 में लिखा हैं,

“परमेश्वर के सारे हथियार बान्ध लो; कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको. क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लोहू और मांस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अन्धकार के हाकिमों से, और उस दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं. इसलिये परमेश्वर के सारे हथियार बान्ध लो, कि तुम बुरे दिन में साम्हना कर सको, और सब कुछ पूरा करके स्थिर रह सको.”

इस वचन का सार ये है कि, जो कोई परमेश्वर पर भरोसा करता है, उसे अध्यात्मिक शत्रु यानी शैतान से लड़ना हैं. इसलिए युद्ध में उतरने से पहले अपने शत्रु को जानना बेहद जरुरी हैं. उनके नाम, उनके गुण, उनकी उपाधियाँ और उनकी सीमित शक्ति को जानने से मसीहियों को परमेश्वर के पूर्ण कवच पहनने और अपने आध्यात्मिक शत्रु से लड़ने के लिए उस पर भरोसा करने की अनुमति मिलती है.

शैतान के 10 अलग-अलग नाम | Did You Know Names Of Satan

Names of Satan
शैतान के 10 अलग-अलग नाम

1.. गर्जने वाला सिंह

पतरस ने शैतान को गर्जने वाले सिंह के नाई बताया है. पहले पतरस 5:8 में लिखा है, “सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाईं इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए।”

यहाँ शैतान को दहाड़ने वाले शेर के रूप में वर्णित किया गया है. शेर एक हिंसक पशु हैं. यानी पतरस ने यहाँ शैतान का हिंसक स्वभाव सामने रखा हैं. शेर अपने शिकार का चुपचाप पीछा करता है, अपने शिकार से अनजान रहने का दिखावा करता है, ताकि वह हमला कर सके, मार सके और खा सके. प्रेरित पतरस ने यहाँ ये बताने की कौशिश की हैं कि, शैतान लोगों को शिकार के रूप में, अपने पीड़ितों के रूप में देखता है. और वह अनंत काल के नरक में अधिक से अधिक लोगों को अपने साथ ले जाना चाहता हैं. क्योंकि वह जानता है कि परमेश्वर लोगों से प्यार करता है, और वह अपने लोगों को नरक की आग से बचा लेगा. तो शैतान ये नहीं चाहता कि वे(परमेश्वर पर विश्वास रखने वाले) अपने उद्धारकर्ता के लिए उपयोगी हों. इसलिए, वह शोषण के लिए कमजोरियों की तलाश में सभी लोगों का पीछा करता रहता है. ताकि किसी ना किसी समय उन्हें अपनी जाल में फसा ले.

2. सर्प

“फिर मैं ने स्वर्ग पर से यह बड़ा शब्द आते हुए सुना, कि अब हमारे परमेश्वर का उद्धार, और सामर्थ, और राज्य, और उसके मसीह का अधिकार प्रगट हुआ है; क्योंकि हमारे भाइयों पर दोष लगाने वाला, जो रात दिन हमारे परमेश्वर के साम्हने उन पर दोष लगाया करता था, गिरा दिया गया” (प्रकाशितवाक्य 12:10) ).

इस वचन में शैतान को साँप के रूप में वर्णित किया गया है. सांप एक जहर उगले ने वाला जानवर हैं. और इसके कारण कभी कभी जान गवानी पड़ती हैं. ठीक वैसे ही शैतान भी लोगों के मन में ऐसा जहर भर देता हैं, कि लोग अपने कर्ताधर्ता को ही भूल जाते हैं. उससे अलग हो जाते हैं. और अनंत जीवन को गवां देते हैं. जैसे अदन वाटिका में उसने आदम और हव्वा को लुभाने के लिए साँप का रूप धारण कर के उन्हें सृष्टिकर्ता से अलग कर दिया था. शैतान ने इस रूप का इस्तेमाल किया, और ईव को उस पर भरोसा करने का लालच दिया क्योंकि वे अदन वाटिका के प्राणियों से परिचित थे, और उसके पास यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं था कि सांप झूठ बोलेगा. क्योंकि सांप भी उस वाटिका का हिसा था.

3. भोर का तारा

यशायाह भविष्यद्वक्ता ने शैतान को भोर, सुबह के के तारे के रूप में वर्णित किया है क्योंकि स्वर्ग से गिराए जाने पहले वह एक दिव्य प्राणी, उज्ज्वल और सुंदर था. हालाँकि, वह प्रकाश का अंतिम स्रोत नहीं है. यशायाह 14:12 में लिखा हुआ है,

“हे भोर के चमकने वाले तारे तू क्योंकर आकाश से गिर पड़ा है? तू जो जाति जाति को हरा देता था, तू अब कैसे काट कर भूमि पर गिराया गया है?”

बताते चले कि, लूसिफ़ेर स्वयं को प्रकाश के स्रोत के रूप में स्थापित करता है, लेकिन यह एक झूठी रोशनी है, प्रकाश का निम्न स्रोत हैं. लूसिफ़ेर ने खुद को एक महान स्वर्गीय प्राणी के रूप में स्थापित किया है, लेकिन वह कभी भी यीशु मसीह की तुलना में कुछ भी नहीं होगा.

4. झूठ का पिता

“तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं: जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, वरन झूठ का पिता है” (यूहन्ना 8:44)

इस वचन में शैतान को झूठ का पिता के रूप में वर्णित किया गया है. क्योंकि वह संसार का पहला झूठ बोलने वाला हैं. उसने आदम और हव्वा को झूठ बोलकर ही बहकाया, उन्हें कहाँ कि, यदि तुम इस पेड़ के फल को खाओगे तो परमेश्वर के समान बन जाओगे. लेकिन यह नहीं बताया कि, यदि वे अच्छे और बुरे के बीच चयन कर सकते हैं, तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. बहुत से झूठ जो लोग बोलते हैं या विश्वास करते हैं, वे उसी से आए हैं.

5. प्रलोभन देने वाला

“तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस की परीक्षा हो. वह चालीस दिन, और चालीस रात, निराहार रहा, अन्त में उसे भूख लगी. तब परखने वाले ने पास आकर उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो कह दे, कि ये पत्थर रोटियां बन जाएं.” (मत्ती 4:1-3)

यहाँ शैतान को प्रलोभक के रूप में वर्णित किया गया है क्योंकि वह लोगों को पाप में रखता है, या विश्वासियों और परमेश्वर के बीच दरार पैदा करता है. वह लोगो के सामने ऐसी चीजें पेश करता है जो हानिरहित नजर आती हैं, लेकिन उन्हें पाप करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं, ताकि कोई व्यक्ति परमेश्वर के विरुद्ध कोई काम कर सके. जब उसने जंगल में यीशु की परीक्षा की, तो उसने उसे भोजन, शक्ति, और संसार के शासक के अधिकार से परीक्षा दी. शैतान ने जो कुछ भी प्रस्तुत किया वह यीशु के अधिकार और शक्ति के भीतर था, लेकिन यीशु के लिए उस अधिकार और शक्ति का दावा करने का यह उचित समय नहीं था.

शैतान इसी प्रकार लोगों को प्रलोभित करता है. वह उनकी शारीरिक कमज़ोरियों और ऐसी चीज़ों को देखता है जो अच्छी या वांछनीय दिखाई देती हैं, लेकिन बुराई की ओर ले जाती हैं.

6. आरोप लगाने वाला/दोष लगानेवाला

“फिर मैं ने स्वर्ग पर से यह बड़ा शब्द आते हुए सुना, कि अब हमारे परमेश्वर का उद्धार, और सामर्थ, और राज्य, और उसके मसीह का अधिकार प्रगट हुआ है; क्योंकि हमारे भाइयों पर दोष लगाने वाला, जो रात दिन हमारे परमेश्वर के साम्हने उन पर दोष लगाया करता था, गिरा दिया गया” (प्रकाशितवाक्य 12:10) ).

शैतान को यहाँ अभियुक्त के रूप में वर्णित किया गया है. यह समझा जाता है कि वह ईश्वर के सिंहासन के सामने खड़ा होता है और लोगों पर उनके पापों का आरोप लगाता है. इसकी प्रचिती हमें अय्यूब के पहले अध्याय में होती हैं. परमेश्वर ने अय्यूब को बहुत आशीष दी, और शैतान ने अय्यूब पर आरोप लगाया कि वह केवल आशीषों के कारण ही परमेश्वर से प्रेम करता है, और यदि परमेश्वर ने उन्हें छीन लिया तो अय्यूब उससे प्रेम नहीं करेगा. यहाँ शैतान झूठ बोलकर अय्यूब पर आरोप लगाता हैं. क्योंकि वह परमेश्वर को चोट पहुँचाने के लिए लोगों को नरक में लाने की कोशिश करता है.

7. हत्यारा

“तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं: जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, वरन झूठ का पिता है” यूहन्ना 8:44

शैतान को हत्यारा बताया गया है क्योंकि उसकी बात सुनने से मृत्यु हो जाती है. जब आदम और हव्वा ने पाप किया, तो उन्हें अदन की वाटिका और जीवन के वृक्ष से निर्वासित कर दिया गया. वे अपने पाप के परिणामस्वरूप मर गए, और सभी लोग पाप के कारण शारीरिक रूप से मर गए. शैतान दूसरों की जान लेने के लिए भी प्रलोभित होता है.

8. संसार का राजकुमार

“अब इस जगत का न्याय होता है, अब इस जगत का सरदार निकाल दिया जाएगा” यूहन्ना 12:31

यहाँ शैतान को संसार का राजकुमार/सरदार के रूप में वर्णित किया गया है क्योंकि वह दुनिया के काम करने के तरीके को प्रभावित करता है. साथ ही दुनिया की दिशा, इसके संचालन का तरीका भी है. शैतान के पास दुनिया के तौर-तरीकों को प्रभावित करने का अधिकार है. हालाँकि अंततः, यह स्थिति अस्थायी है.

9. बालज़बूल

“परन्तु फरीसियों ने यह सुनकर कहा, “यह तो दुष्‍टात्माओं के सरदार बालज़बूल की सहायता के बिना दुष्‍टात्माओं को नहीं निकालता।” मत्ती 12:24

इस वचन में शैतान को बालज़बूल के नाम से संदर्भित किया गया है. बालजबुल का मतलब “घिनौना देवता, गंदगी का देवता.” इस शब्द के दो भाग हैं: बाल, जो पुराने नियम में कनानियों के प्रजनन देवताओं का नाम था; और ज़ेबुल, जिसका अर्थ “ऊँचे पर वास करने वाला” है. दोनों भागों को एक साथ रखने पर, इसे शैतान के लिए उपयोग किया जाता था, जो कि दुष्टात्माओं का राजकुमार था.

मत्ती 12:22 में यीशु ने एक दुष्टात्मा से ग्रसित एक व्यक्ति को चँगा किया जो अँधा और गूँगा था. परिणामस्वरूप, “सभी इस पर सब लोग चकित होकर कहने लगे, ‘यह क्या दाऊद की सन्तान है!’ परन्तु फरीसियों ने यह सुनकर कहा, ‘यह तो दुष्‍टात्माओं के सरदार बालज़बूल की सहायता के बिना दुष्‍टात्माओं को नहीं निकालता”

10. बलियाल

और मसीह का बलियाल के साथ क्या लगाव? या विश्वासी के साथ अविश्वासी का क्या नाता? 2 कुरिन्थियों 6:15

इस वचन में शैतान(satan) को बेलियल के रूप में वर्णित किया गया है यानी दुष्ट की आत्मा का अवतार बताया गया है. क्योंकि, भले ही लोग अपनी इच्छा से पाप करते हैं और अपने पाप के लिए जवाबदेह हैं, पर वह हर बुराई का प्रतीक है. वह पाप करने वाला पहला व्यक्ति था, और अंततः बड़ी बुराई का कारण बना. वह लोगों को के लिए प्रोत्साहित करता हैं.

कुछ और नाम

शैतान, परमेश्वर का मुख्य शत्रु, बाइबल में अलग-अलग उपाधियों से जाना जाता है – शैतान (1 इतिहास 21:1; लूका 10:18), राक्षसों का राजकुमार (मत्ती 12:24), बालजबुल (मत्ती 12:24), दुष्ट (मत्ती 13:19), हत्यारा (युहन्ना 8:44), इस दुनिया का राजकुमार (युहन्ना 14:30), इस दुनिया का देवता (2 कुरिन्थियों 4:4), बेलियल (2 कुरिन्थियों 6:15), राजकुमार हवा की शक्ति (इफिसियों 2:2), शत्रु (1 पतरस 5:8), अबद्दोन (प्रकाशितवाक्य 9:11), अथाह गड्ढे का स्वर्गदूत (प्रकाशितवाक्य 9:11), अपुल्‍लयोन (प्रकाशितवाक्य 9:11), पुराना साँप ( प्रकाशितवाक्य 9:11), अभियुक्त (प्रकाशितवाक्य 20:10), आदि.

तो आशा करते है आपको इस लेख से बहुत कुछ सीखने को मिला होगा. अगर आप इस लेख से या किसी बिंदु से असहमत है तो आप हमें कमेंट या संपर्क कर सकते हैं. हम उसे दुरुस्त करने की कौशिश करेंगे.

ये भी पढ़ें ;

1). यीशु मसीह के 12 चेलों की मृत्यु कैसे हुई | How Did the 12 Apostles Die?

2) 10 god promises : मनुष्य से परमेश्वर के 10 वादे | मैं तुम्हारा चंगा करने वाला यहोवा हूं

3) क्या परमेश्वर के और भी दूसरे नाम हैं? क्या आप जानते हैं बाइबल में बताए गए परमेश्वर के अलग-अलग नाम?

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *